Tag: जीवन-साथी

आरिष्ट निवारण स्तोत्र

आरिष्ट निवारण स्तोत्र :- Dr.R.B.Dhawan श्री भृगुसंहिता के सर्वारिष्ट निवारण खण्ड में एक सर्वारिष्ट निवारण स्तोत के बारे में उल्लेख प्राप्त होता है, इस स्तोत्र का 40 आवृत्ति पाठ विधि विधान पूर्वक करने से पुत्रहीन को पुत्र प्राप्ति, अविवाहित को जीवन-साथी प्राप्त हो जाता है। इसके पाठ से विभिन्न ग्रह दोष का शमन, शारिरिक व…

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ग्रह और रोग

ग्रहयोग जो रोग की सूचना देते हैं :- Dr.R.B.Dhawan वैसे तो कुंडली में सभी नवग्रह अपनी-अपनी प्रकृति के अनुसार किसी न किसी रोग की सूचना देते ही हैं, परंतु दो या दो से अधिक ग्रहों कि युति अपना अलग प्रभाव प्रकट करती है, और रोगों को विशेष रूप से जटिल बना देती है। आगे की…

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