Tag: षष्ठेश

कालसर्प योग

निरर्थक भय है, कालसर्प योग :- Dr.R.B.Dhawan,(Top Bast astrologer in delhi)सूर्य की परिक्रमा पृथ्वी और चन्द्रमा दोनों ही कर रहे हैं, किन्तु चन्द्रमा सूर्य की परिक्रमा के साथ-साथ पृथ्वी का भी परिभ्रमण कर रहा है। चन्द्रमा अपने पथ पर परिभ्रमण करता हुआ, दो स्थानों पर पृथ्वी पथ को काटता है। जिसके फलस्वरूप उत्तरी और दक्षिणी…

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विपरीत राजयोग

विपरीत राजयोग का रहस्य :- Dr.R.B.Dhawan ऐसा क्या रहस्य है, विपरीत राजयोग में की त्रिक (पाप स्थान के स्वामी) ग्रह भी शुभ फल देने लगते हैं, न केवल शुभफल अपितु अनेकों प्रकार के कष्ट फल भी हर लेते हैं। वस्तुत: कुंडली में त्रिक अर्थात् 6, 8, 12. स्थान तथा इन्हीं स्थानों के स्वामी ग्रह अशुभ…

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