लघुपराशरी -3

त्रिकोण भाव और त्रिषडाय भाव- Dr.R.B.Dhawan (Guruji),Multiple times awarded Best Astrologer with 33+ years of Astrological Experience. सर्वे त्रिकोणनेतारो ग्रहाः शुभफलप्रदा।पतयत्रिषडायानां यदि पापफलप्रदाः।। 6।। लघुपराशरी श्लोक संख्या -6 इस श्लोक में आचार्य वराहमिहिर ने शुभ और अशुभ स्थानों की चर्चा करते हुए कहा है- कोई ग्रह त्रिकोण (1-5-9 स्थान) का स्वामी हो तो, शुभफलदायक होता…

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