कठोपनिषद् -3
Dr.R.B.Dhawan (Guruji), Multiple times awarded Best Astrologer with 33+ years of Astrological Experience. प्रथम अध्याय, तृतीय वल्ली- ( १ ) जो पंचाग्नि साधन करनेवाले, पंच प्राणरूप पंच अग्नियों की प्राणायाम द्वारा साधना करने वाले कर्मयोगी हैं, तथा जो नाचिकेत अग्नि (जो बुद्धि में रहता है) को माता-पिता और आचार्य द्वारा प्रदीप्त करने वाले ज्ञानयोगी हैं,…
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