ग्रह और रोग

ग्रहयोग जो रोग की सूचना देते हैं :-

Dr.R.B.Dhawan

वैसे तो कुंडली में सभी नवग्रह अपनी-अपनी प्रकृति के अनुसार किसी न किसी रोग की सूचना देते ही हैं, परंतु दो या दो से अधिक ग्रहों कि युति अपना अलग प्रभाव प्रकट करती है, और रोगों को विशेष रूप से जटिल बना देती है। आगे की पंक्तियों में कुछ ऐसे ग्रह योग लिख रहा हूं, जिनसे रोग की प्रकृति अपनी दिशा और स्वभाव बदल लेती है।
1- कुंडली में जब :- सूर्य घर 1 में हो, सूर्य-मंगल एक साथ हों, अथवा सूर्य-शनि एक साथ या फिर सूर्य-शनि और मंगल एक साथ हों तो ऐसे व्यक्ति को क्रोध अधिक आता है।

2- किसी कुंडली में यदि बुध-मंगल एक साथ हों तो ऐसे व्यक्ति को खून से सम्बंधित रोग होता है, साथ ही जब मंगल के कारण से बुध ज्यादा खराब हो तो, रक्तचाप की परेशानी साथ ही मंगल-बुध दोनों ज्यादा बुरे हाल में हों तो पागलपन की बीमारी हो जाती है। और गैस एसिडिटी कब्ज की भी शिकायत रहती है। इस योग के कारण लिवर से सम्बंधित रोग भी हो जाती है।

3- मंगल-शनि का योग भी गैस की परेशानी देता है।

4- शनि देव घर 1 में हों तो भी गैस की परेशानी देते हैं।

5- सूर्य-शुक्र एक साथ हों तो शरीर में जोश की कमी हो जाती है। ऐसे व्यक्ति में सेक्स की क्षमता कम हो जाती है। जीवन-साथी के शरीर में भी अंदरूनी बीमारी हो जाती है।

6- राहू-शुक्र के युक्त होने से पुरुष को नपुंसकता अनुभव होती है। वीर्य से सम्बंधित रोग जैसे स्पर्म की कमी आदि, इसके अतिरिक्त शरीर में कैलशियम की कमी हो जाती है

7- बुध और बृहस्पति ग्रह कुंडली में मिलते हों तो, अस्थमा साइनस की बीमारी हो जाती है। ये दोनों जिस घर में बैठे हों, उस घर से सम्बंधित बीमारी भी देते हैं, जैसे दोनों घर 7,12 में बैठ जाएँ तो नपुंसक तक बना देते हैं।

8- सूर्य-बुध-राहू तीनों मिलते हों तो, आर्थराइटिस का रोग देते हैं।

9- सूर्य नीच का या शनि-राहू के साथ सम्बन्ध बना ले और गुरु-बुध या गुरु-राहू का योग हो तो पीलिया जैसा रोग जीवन में कई बार होता है।

10- जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध-गुरु, राहू-गुरु एक साथ हों तो जातक को सही मार्गदर्शन नहीं मिलने देते। अजीब-अजीब सी भ्रांतियां होती रहती हैं।

11- मंगल-बुध एक साथ और सूर्य-शनि भी मिल रहे हों तो कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है।

12- राहू-गुरु मिलते हों तो अस्थमा या तपेदिक (T.B.) फेफड़ों से सम्बंधित और साँस की तकलीफ देते हैं।

13 – चन्द्र ग्रह जब शुक्र के साथ मिलते हो तो, नेत्र और चमड़ी से सम्बंधित रोग जैसे सफेद दाग, चमड़ी पर चककत्ते आदि हो सकते हैं।

14- चन्द्र-बुध जिस जातक की कुंडली में मिलते हों तो वह व्यक्ति बहुत ही जिद्दी हो जाता है, और जिद्दी ज्यादा होने के कारण किसी की बात नहीं मानता तथा अपना जीवन नर्क बना लेता है।

15- सूर्य-मंगल-बुध या बुध-मंगल मिलते हों तो ऐसे व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की परेशानी कम उम्र में शुरू हो जाती है। नस-नाड़ियों में ब्लाकेज हो जाती है, रक्त से सम्बंधित बीमारी या परेशानी रहती है।

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ग्रहयोग जो रोग की सूचना देते हैं :- Dr.R.B.Dhawan वैसे तो कुंडली में सभी नवग्रह अपनी-अपनी प्रकृति के अनुसार किसी न किसी रोग की सूचना देते ही हैं, परंतु दो या दो से अधिक ग्रहों कि युति अपना अलग प्रभाव प्रकट करती है, और रोगों को विशेष रूप से जटिल बना देती है। आगे की…