तुलसी और हिन्दू मान्यता
तुलसी और हिन्दू मान्यताऐं :-
Dr.R.B.Dhawan (Guruji)
हिन्दू मान्यताओं में तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधों का उल्लेख मिलता है, जिनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू-तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से उल्लिखित हैं। इन सभी के गुण अलग-अलग और विशिष्ट हैं। तुलसी मानव शरीर में कान, वायु, कफ, ज्वर, खांसी और दिल की बीमारियों के लिए विशेष उपयोगी है। प्राचीन काल से ही यह परंपरा चली आ रही है कि घर में तुलसी का पौधा होना चाहिए। शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी स्वरूप माना गया है, इस कारण भी घर में तुलसी को रखना चाहिए। इस के अतिरिक्त तुलसी से जुड़ी कुछ विशेष बातें यदि ध्यान में रखी जाती हैं तो, सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा हमारे घर पर बनी रहती है। घर में सकारात्मक और सुखद वातावरण बना रहता है, धन की कमी नहीं रहती, और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ तो प्राप्त होता ही है। तुलसी का धार्मिक महत्व तो हैैै ही, साथ ही आयुर्वेद में इसे संजीवनी बूटी के समान माना जाता है।
— तुलसी में कई ऐसे गुण होते हैं जो कई बीमारियों को दूर करने और उनकी रोकथाम करने में सहायक हैं। तुलसी का पौधा घर में रहने से उसकी सुगंध वातावरण को पवित्र बनाती है और हवा में मौजूद बीमारी फैलाने वाले कई सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट कर देती है। एक धारणा के अनुसार तुलसी का पौधा घर में नकारात्मक या बुरे प्रभाव होने पर मुरझाकर अपनी दुर्दशा बता देता है।
—- वास्तुशास्त्र में भी तुलसी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। वास्तु के अनुसार घर को किसी भी प्रकार के दोष से मुक्त रखने के लिए तुलसी का पौधा दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम, किसी भी स्थान तक लगाते हैं। अगर तुलसी के गमले को रसोई के पास रखा जाए तो किसी भी प्रकार की कलह से मुक्ति पाई जा सकती है।
— जिद्दी संतान का हठ दूर करने के लिए पूर्व दिशा में लगी खिड़की के सामने रखें। मर्यादा से बाहर निकल चुकी संतान को सुधारने की इच्छा से पूर्व दिशा से रखी गई तुलसी के तीन पत्तों को किसी ना किसी रूप में खिलाने पर वह आपकी आज्ञा का पालन करने लगती है।
— कारोबार में वृद्धि कारोबार की चिंता सताने लगी है, घर में आय के साधन कम होते जा रहे हैं तो, दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखी तुलसी पर हर शुक्रवार कच्चा दूध और मिठाई का भोग लगाने के बाद उसे किसी सुहागिन स्त्री को दे दें। इससे व्यवसाय में सफलता मिलती है।
— अगर आप नौकरी पेशा हैं, और ऑफिस में आपका कोई सीनियर परेशान कर रहा है तो, ऑफिस की खाली जमीन पर या किसी गमले में, सोमवार के दिन तुलसी के सोलह बीज किसी सफेद कपड़े में बांध कर ऑफिस रख दीजिए। इससे ऑफिस में आपका सम्मान बढ़ेगा।
— शालिग्राम का अभिषेक घर की महिलाएं रोजाना पंचामृत से करती हैं तो, घर में कभी भी वास्तुदोष की हालत नहीं आएगी।
— स्वास्थ्य के लिए तुलसी के बड़े फायदे देखे गए हैं- सुबह के समय खाली पेट तुलसी का पत्ता सेवन करने से डायबिटीज, रक्त की परेशानी, वात, पित्त आदि जैसे रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। प्रतिदिन अगर तुलसी के सामने कुछ समय के लिए बैठा जाए तो अस्थमा आदि जैसे श्वास के रोगों से जल्दी छुटकारा मिलता है। तुलसी में अनेक औषधीय गुण होने के कारण इसे वैद्य का दर्जा दिया गया है, जिसका घर में रहना अत्यंत लाभकारी है। मनुष्य को अपने जीवन के प्रत्येक चरण में तुलसी की आवश्यकता पड़ती है। साथ ही आधुनिक रसायन शास्त्र भी यह बात स्वीकारता है कि तुलसी का पत्ता सेवन, इसका स्पर्श, दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए बहुत हितकारी सिद्ध होता है।
— तुलसी की सुंगध हमें श्वास संबंधी कई रोगों से बचाती है। साथ ही, तुलसी का पत्ता रोज सेवन करने से हम सामान्य ज्वर से बचे रहते हैं। मौसम परिवर्तन के समय होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचाव हो सकता है। नियमित तुलसी का पत्ता सेवन करने से हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है, इस लिए हमें नियमित रूप से तुलसी का पत्ता सेवन करते रहना चाहिए।
— तुलसी के पत्ते चबाना नहीं चाहिए। तुलसी का पत्ता सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इन पत्तों को चबाए नहीं बल्कि निगल लेना चाहिए। इस प्रकार तुलसी का पत्ता सेवन करने से कई रोगों में लाभ मिलता है। तुलसी का पत्ता में पारा धातु के तत्व भी विद्यमान होते हैं जो कि पत्तों को चबाने से दांतों पर लग जाते हैं। ये तत्व दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है। अत: तुलसी का पत्ता बिना चबाए निगलना चाहिए।
— शिवलिंग और गणेश पूजन में वर्जित है तुलसी। यूँ तो पूजन में तुलसी का विशेष महत्तव है पर शिव पूजन और गणेश पूजन में तुलसी का प्रयोग वर्जित है। इसके लिए पुराणो में दो कथा बताई गई है। एक कथा के अनुसार भगवान शिव ने तुलसी के पति दैत्यों के राजा शंखचूड़ का वध किया था, जिसके फलस्वरूप न तो शिव पूजन में तुलसी काम में लेते हैं, और नाहि शंख से शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। जबकि एक अन्य कथा के अनुसार एक बार गणेशजी ने तुलसी का विवाह प्रस्ताव यह कह कर अस्वीकार कर दिया की वो ब्रह्मचारी है, जिससे रुष्ट होकर तुलसी ने उन्हें दो विवाह का श्राप दे दिया, प्रतिक्रिया स्वरुप गणेश जी ने तुलसी को एक राक्षस से विवाह का श्राप दे दिया। इसलिए गणेश पूजन में भी तुलसी का प्रयोग वर्जित है।
— क्यों मुरझाता है तुलसी का पौधा? शायद कभी किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा कि चाहे तुलसी के पौधे पर कितना ही पानी क्यों ना डाला जाए, उसकी कितनी ही देखभाल क्यों ना की जाए, वह अचानक मुरझाने या सूखने क्यों लगता है? आपको विश्वास नहीं होगा, लेकिन तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा आपको यह बताने की कोशिश कर रहा होता है कि जल्द ही परिवार पर किसी विपत्ति का साया मंडरा सकता है। कहने का अर्थ यह है कि अगर परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई कठिनाई आने वाली है तो, उसकी सबसे पहली नजर घर में मौजूद तुलसी के पौधे पर पड़ती है। हिन्दू मान्यता है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी चली जाती है, और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है। जहां दरिद्रता, अशांति और कलह का वातावरण होता है, वहां कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता।
— ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा बुध ग्रह के दोष से होता है। ज्योतिष शास्त्र से संबंधित लाल किताब के अनुसार बुध को एक ऐसा ग्रह माना गया है जो अन्य ग्रहों के अच्छे-बुरे प्रभाव को व्यक्ति तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देने वाला है तो, उसका असर बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं पर भी होगा, और अगर कोई अच्छा फल मिलने वाला है तो, उसका असर भी बुध ग्रह से जुड़ी चीजों पर दिखाई देगा।
कुछ विशेष बातें :-
— पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के पत्ते कुछ विशेष दिनों में नहीं तोड़ने चाहिए। ये दिन हैं एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण का समय। इन दिनों में और रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। बिना उपयोग तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करने पर व्यक्ति को दोष लगता है। अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ना, तुलसी को नष्ट देने के समान माना गया है।
— नित्य करें तुलसी का पूजन। हर रोज तुलसी पूजन करना चाहिए और साथ ही यहां बताई जा रही सभी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। हर शाम तुलसी के पास दीपक लगाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक लगाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
— तुलसी से दूर होते हैं यह दोष। तुलसी घर-आंगन में होने से कई प्रकार के वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं, और परिवार की आर्थिक स्थिति पर शुभ असर होता है।
— बुरी नज़र नहीं लगती। ऐसी मान्यता है कि तुलसी का पौधा होने से घर वालों को बुरी नजर प्रभावित नहीं कर पाती है। साथ ही, सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय नहीं हो पाती है। सकारात्मक ऊर्जा को बल मिलता है।
— तुलसी का सूखा पौधा नहीं रखना चाहिए। यदि घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूख जाता है तो, उसे किसी पवित्र नदी में या तालाब में या कुएं में प्रवाहित कर देना चाहिए। तुलसी का सूखा पौधा घर में रखना अशुभ माना जाता है। एक पौधा सूख जाने के बाद तुरंत ही दूसरा तुलसी का पौधा लगा लेना चाहिए। सूखा हुआ तुलसी का पौधा घर में होने से बरकत पर बुरा असर पड़ सकता है। इसी वजह से घर में हमेशा पूरी तरह स्वस्थ तुलसी का पौधा ही लगाया जाना चाहिए।
तुलसी और हिन्दू मान्यताऐं :- Dr.R.B.Dhawan (Guruji) हिन्दू मान्यताओं में तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधों का उल्लेख मिलता है, जिनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू-तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से उल्लिखित हैं। इन सभी के गुण अलग-अलग और विशिष्ट हैं। तुलसी मानव शरीर में कान,…