निर्जला एकादशी 2019

करें निर्जला एकादशी व्रत: पाएं 24 एकादशियों का पुण्य :-

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। वर्ष में 24 एकादशी होती हैं। प्रत्येक एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही निर्जला एकादशी कहते हैं। इस व्रत में भोजन करना और पानी पीना वर्जित है।

निर्जला एकादशी का बहुत महत्व है, क्योंकि इस एक एकादशी के व्रत से मनुष्य को पूरे वर्ष की 23 एकादशियों के पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

इस वर्ष 2019 में निर्जला एकादशी 23 जून गुरूवार को है। निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी या भीमसेन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

यह व्रत करने से मनुष्य को दीर्घायु अौर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस दिन सुबह शीघ्र उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर भगवान विष्‍णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें और मंदिर जाएं।

भगवान विष्‍णु की आराधना करें, और पूजा अर्चना करें।

इस दिन गरीबों को दान दक्षिणा देना न भूलें। अगले दिन मंगलवार को सुबह स्नानादि के बाद पूजा करने के उपरांत व्रत का समापन करें।

निर्जला एकादशी व्रत की कथा :

एक बार पाण्डु पुत्र भीमसेन ने श्री वेदव्यासजी से पूछा, हे परमपूजनीय विद्वान पितामह! मेरे परिवार के सभी लोग एकादशी व्रत करते हैं, व मुझे भी करने के लिए कहते हैं। किन्तु मुझसे भूखा नहीं रहा जाता।

आप कृपा करके मुझे बताएं कि उपवास किए बिना एकादशी का फल कैसे मिल सकता है?

श्री वेदव्यासजी बोले, पुत्र भीम! यदि आपको स्वर्ग बड़ा प्रिय लगता है, वहां जाने की इच्छा है, और नरक से डर लगता है, तो हर महीने की दोनों एकादशी को व्रत करना ही होगा।

भीम सेन ने जब ये कहा कि यह उनसे नहीं हो पाएगा तो श्री वेदव्यास जी बोले, ज्येष्ठ महीने के शुल्क पक्ष की एकादशी को व्रत करना।

उसे निर्जला कहते हैं। उस दिन अन्न तो क्या, पानी भी नहीं पीना। एकादशी के अगले दिन प्रातः काल स्नान करके, स्वर्ण व जल दान करना।

व्रत करके पारण के समय (व्रत खोलने का समय) ब्राह्मणों व परिवार के साथ अन्नादि ग्रहण करके अपने व्रत को विश्राम देना।

जो एकादशी तिथि के सूर्योदय से द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक बिना पानी पीए रहता है, तथा पूरी विधि से निर्जला व्रत का पालन करता है, उसे साल में जितनी एकादशियां आती हैंं, उन सब एकादशियों का फल प्राप्त होता है, इस एक एकादशी का व्रत करने से यह फल सहज ही मिल जाता है। यह सुनकर भीम सेन उस दिन से इस निर्जला एकादशी के व्रत का पालन करने लगे, अौर वे पाप मुक्त हो गए।

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करें निर्जला एकादशी व्रत: पाएं 24 एकादशियों का पुण्य :- सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। वर्ष में 24 एकादशी होती हैं। प्रत्येक एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही निर्जला एकादशी कहते हैं। इस व्रत में भोजन करना और पानी…