उत्तराभाद्रपद नक्षत्र –
Dr.R.B.Dhawan (Guruji), Multiple times awarded Best Astrologer with 33+ years of Astrological Experience.
वीडियो लिंक : – https://youtu.be/U4xrlJld7zA
मीन राशि का द्वितीय नक्षत्र उत्तराभाद्रपद, नक्षत्र स्वामी शनि-
उत्तराभाद्रपद प्रथम चरण- राशि मीन, राशि स्वामी गुरू, नक्षत्र स्वामी-शनि तथा इस चरण का स्वामी सूर्य है। इसमे गुरू, शनि और सूर्य का प्रभाव है। यह नक्षत्र चरण मीन राशि के 03 अंश 20 कला से 06 अंश 40 कला तक के विस्तार क्षेत्र वाला है।
यह नक्षत्र चरण निश्चितता, अहंकार, और इच्छा शक्ति का सूचक है। इस नक्षत्र चरण में जन्म लेने वाले जातक/जातिका मोटी चौड़ी भोंहों और नाक वाले, सुन्दर शरीर वाले, प्राकृतिक वातावरण में विचरण करने के शौकीन, धार्मिक कार्यो में निपुण, राहु का प्रभाव अधिक होने पर माँसाहारी होते हैं। इस नक्षत्र चरण वाले कर्मठ, ज्ञानी, राजतुल्य मान-सम्मान वाले होते हैं। समाज मे प्रतिष्ठित होते हैं, विरोधी इनके विचारो मे असहमत किन्तु यह उनको झुकाने वाले, होते हैं।
उत्तराभाद्रपद द्वितीय चरण- राशि मीन, राशि स्वामी गुरू, नक्षत्र स्वामी-शनि तथा इस चरण का स्वामी बुध है। इसमे गुरू, शनि और बुध का प्रभाव है। यह नक्षत्र चरण मीन राशि के 06 अंश 40 कला से 10 अंश 00 कला तक के विस्तार क्षेत्र वाला है।
यह नक्षत्र चरण संचार, गणना, योजना का सूचक है। इस नक्षत्र चरण में जन्म लेने वाले जातक/जातिका गौर वर्ण, सुन्दर नेत्रों वाले, सुन्दर शरीर या आकर्षक देह वाले, धैर्यवान, विद्वान, नम्र स्वभाव, कृपालु, होते हैं। इस चरण के लोग अध्यन में रत, जीवन और उद्द्येश्यो का कठिन हिसाब-किताब रखने वाले, बुद्धिवान विवेकवान, थोड़े से अन्तर्मुखी, विपरीत लिंग के विकास हेतु विचार विमर्श करने वाले होते हैं।
उत्तराभाद्रपद तृतीय चरण- राशि मीन, राशि स्वामी गुरू, नक्षत्र स्वामी-शनि तथा इस चरण का स्वामी शुक्र है। इसमे गुरू, शनि और शुक्र का प्रभाव है। यह नक्षत्र चरण मीन राशि के 10 अंश 00 कला से 13 अंश 20 कला तक के विस्तार क्षेत्र वाला है।
यह नक्षत्र चरण संतुलन, लक्ष्य. सकारात्मकता का सूचक नक्षत्र चरण है। इस नक्षत्र चरण वाले जातक/जातिका गुणवान, विपत्ति में धैर्य रखने वाले, सहायता सेवा करने वाले, धार्मिक कार्य में निपुण, विद्वान, साहसी, ऊँची नाक वाले होते हैं। यह लोग शोध से जुड़े हुए, ज्योतिष और उसकी शखाओ में रुचिवान, आध्यात्मिक प्रमुख, आध्यात्मिक शोध से संबध रखने वाले, आध्यात्म के लिए बलिदान देने वाले, जीवन मे अधिक विरोध और बाधाओं का सामना करने वाले, तथा वरिष्ठो से सहयता प्राप्त करने वाले होते हैं।
उत्तराभाद्रपद चतुर्थ चरण- राशि मीन, राशि स्वामी गुरू, नक्षत्र स्वामी-शनि तथा इस चरण का स्वामी मंगल है। इसमे गुरू, शनि और मंगल का प्रभाव है। यह नक्षत्र चरण मीन राशि के 13 अंश 20 कला से 16 अंश 40 कला तक के विस्तार क्षेत्र वाला है।
यह नक्षत्र चरण चमत्कार या रहस्यमयी ऊर्जा का सूचक है। इस नक्षत्र चरण में जन्म लेने वाले जातक/जातिका लम्बे शरीर वाले, गेहुयें रंग वाले, ऊँचे शरा अंग वाले, छोटी नाक वाले, प्रतापी, हिंसा पूर्ण या आध्यात्मिक कामों मे संलग्न रहने वाले, असनशील होते हैं। यह लोग रहस्य विज्ञान से सम्बन्धित होते हैं। आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार करने वाले होते हैं। इस चरण के लोगों को प्रकृति या ईश्वर के रहस्य का बोध होता है। यह नक्षत्र चरण वाले अन्य नक्षत्र चरणों के जातक से भिन्न बौद्धिक स्तर वाले होते हैं।
Astrology Courses के लिए विजिट करें :- https://www.shukracharya.com/academy/prospectus
Read my profile on my website :- https://www.shukracharya.com
facebook : https://www.facebook.com/rbdhawan
instagram : https://www.instagram.com/rbdhawan
twitter : https://twitter.com/rbdhawanguruji
यदि आप गुरूजी के ज्योतिषीय अनुभवों का लाभ लेना चाहते हैं तो, गुरूजी का YouTube channel सब्सक्राइब करें :- https://youtube.com/channel/UC3MV02s_uTET_iHWHdFIDsg
For Telephonic Consultation and Best Remedy, By Dr. R. B. Dhawan (Guruji) :- https://www.shukracharya.com/consultation/astro-consultation—————————————————
Whatsapp no :- Call and WhatsApp Number : 09810143516, call:- 091556 69922
Dr.R.B.Dhawan (Guruji), Multiple times awarded Best Astrologer with 33+ years of Astrological Experience. वीडियो लिंक : – https://youtu.be/U4xrlJld7zA मीन राशि का द्वितीय नक्षत्र उत्तराभाद्रपद, नक्षत्र स्वामी शनि-उत्तराभाद्रपद प्रथम चरण- राशि मीन, राशि स्वामी गुरू, नक्षत्र स्वामी-शनि तथा इस चरण का स्वामी सूर्य है। इसमे गुरू, शनि और सूर्य का प्रभाव है। यह नक्षत्र चरण मीन…