आर्थिक हानि वाला नक्षत्र, विनाशक नक्षत्र

Dr.R.B.Dhawan (Guruji), Multiple times awarded Best Astrologer with 33+ years of Astrological Experience.

नवतारा फलादेश पद्धति वैदिक ज्योतिष का आधार है, और उसका उतना ही बडा महत्व है, जितना भाव-भावेश-और कारक पद्धति का महत्व है।
वैदिक काल से ही यह ज्योतिष शास्त्र के द्वारा ग्रहों की अशुभता और शुभता का पता लगाने की प्राचीन और सर्वसम्मत विधि रही है। यहाँ तक कि मुहूर्त में भी इसका भरपूर प्रयोग किया जाता रहा है।
नवतारा में जिस प्रकार 27 नक्षत्र पद्धति में 3, 5 व 7वां नक्षत्र कष्टकारी माने जाते हैं, उसी प्रकार 28 नक्षत्र पद्धति में 22वां नक्षत्र विनाशक अर्थात कष्टकारी नक्षत्र माना जाता है। साथ ही नवतारा में तीन कष्टकारी नक्षत्रों के अतिरिक्त जन्म नक्षत्र को भी बहुत संवेदनशील नक्षत्र माना जाता है।
28 नक्षत्र पद्धति से 22वां नक्षत्र जानने के लिए एक उदाहरण यहां प्रस्तुत कर रहे हैं-
1-Ashvini Nakshatra
2-Bharani Nakshatra
3-Kritika Nakshatra
4-Rohini Nakshatra
5-Mrigashirsha Nakshatra
6-Ardra Nakshatra
7-Punarvasu Nakshatra
8-Pushya Nakshatra
9-Ashlesha Nakshatra
10-Magha Nakshatra
11-Purva Phalguni Nakshatra
12-Uttara Phalguni Nakshatra
13-Hasta Nakshatra
14-Chitra Nakshatra
15-Svati Nakshatra
16-Vishakha Nakshatra
17-Anuradha Nakshatra
18-Jyeshtha Nakshatra
19-Mula Nakshatra
20-Purva Ashadha Nakshatra
21-Uttara Ashadha Nakshatra
22-Abhijit Nakshatra 23-Shravana Nakshatra
24-Dhanishta Nakshatra
25-Shatabhisha Nakshatra
26-Purva Bhadrapada Nakshatra
27-Uttara Bhadrapada Nakshatra
28-Revati Nakshatra जैसे इस जातक का जन्म नक्षत्र मतलब चंद्रमा का नक्षत्र अनुराधा है, तब अनुराधा से 22वें नक्षत्र में जो भी ग्रह कुंडली में स्थित होगा उस ग्रह की दशा और अंतरदशा आर्थिक बाधाओं वाली होगी।
क्योकि यह 22वां नक्षत्र जातक के भौतिक सुखों अर्थात आर्थिक हानि या धन का नाश करने वाला माना गया है। यह नक्षत्र जीवन के कड़वे सत्य दुःख और सुख की अनुभूति कराने वाला और कभी-कभी वैराग्य भाव पैदा करके आध्यात्मिकता के मार्ग की ओर ले जाने वाला यह नक्षत्र है।
जिसका बोध इस नक्षत्र पर स्थित ग्रहों से और इस नक्षत्र में स्थित ग्रहों की दशा और अंतरदशा में होता है। इसमें यह ध्यान रखना आवश्यक है की इसकी 27 के स्थान पर 28 नक्षत्रों से की जाती है। गणना जातक के जन्म नक्षत्र से आरम्भ होकर 22वें नक्षत्र तक जाती है, और यही 22 वां नक्षत्र ही समृद्धि का विनाशक नक्षत्र होता है, जिसका मुख्य प्रभाव इस नक्षत्र में स्थिति ग्रह की दशा और अंतरदशा में महसूस किया जाता है।

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