नक्षत्र अनुसार ग्रह फल

Dr.R.B.Dhawan (Guruji), Multiple times awarded Best Astrologer with 33+ years of Astrological Experience.

नक्षत्र आधारित ग्रह फलित सूत्र-
नक्षत्रों के मूल गुण उनके स्वामी ग्रहों के गुणों के आधार पर निर्धारित होते हैं। जैसे-
(क) सूर्य, चंद्रमा और गुरु सतोगुणी ग्रह ग्रह हैं, इस लिए इनके नक्षत्र भी सतोगुणी नक्षत्र माने जाते हैं। बुध व शुक्र रजोगुणी ग्रह हैं, इसी लिए इनके नक्षत्र रजोगुणी माने जाते है। और मंगल, शनि, राहू व केतू तमोगुणी ग्रह हैं, इस लिए इनके नक्षत्र तमोगुणी होते हैं।
जो ग्रह जिस गुण वाले नक्षत्र में स्थित होता है, वही गुण उस ग्रह में आ जाते हैं, जैसे कोई ग्रह सूर्य है, जो की सतोगुणी है, और वह रजोगुणी ग्रह शुक्र के नक्षत्र में हो तो, वह सतोगुणी सूर्य रजोगुणी हो जाता है। इसी प्रकार बुध जो रजोगुणी है, वह मंगल तमोगुणी ग्रह के नक्षत्र में स्थित होने पर तमोगुणी हो जाता है।
(ख) सतोगुणी नक्षत्रों में स्थित ग्रह शुभ फलदायक होते हैं, रजोगुणी नक्षत्रों में स्थित ग्रह (मिलेजुले) फलदायक। तथा तमोगुणी नक्षत्रों में स्थित ग्रह अशुभ फलदायक होते हैं ।
(ग) नक्षत्र स्थिति के कारण यदि तमोगुणी ग्रह रजोगुणी या सतोगुणी हो जाए या रजोगुणी ग्रह सतोगुणी हो जाए तो, अपेक्षाकृत अशुभ फल में कमी करते हुए, अपने स्वभाव से कुछ अलग मिश्रित फलदायक हो जाते हैं।
(घ) यदि इसी प्रकार से सतोगुणी ग्रह जैसे सूर्य रजोगुणी या तमोगुणी हो जाए, अथवा रजोगुणी ग्रह जैसे शुक्र तमोगुणी हो जाए तो अपेक्षाकृत शुभ फलदायक से अशुभ फलदायक हो जाते हैं।
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1. गुरु सतोगुणी ग्रह है, और शुक्र रजोगुणी ग्रह। यदि गुरू शुक्र के नक्षत्र में होगा तो शुक्र की महादशा में गुरू अपनी अंतरदशा में अशुभ फलदायक होगा। परन्तु शुक्र यदि गुरु के नक्षत्र में है तो गुरू महादशा और अपनी अंतरदशा में शुक्र शुभ फलदायक हो जाता है।
अर्थात् शुक्र की महादशा में गुरु की अन्तर्दशा अशुभ, परन्तु गुरु में शुक्र शुभ ।
2. शनि बुध के नक्षत्र में- शनि तमोगुणी ग्रह है, और बुध रजोगुणी है। इस लिए बुध की महादशा में शनि की अंतरदशा शुभ होगी। परन्तु शनि महादशा में बुध अंतर अशुभ होता है।
अर्थात् बुध की महादशा में शनि की अन्तर्दशा शुभ, परन्तु शनि में बुध अशुभ होगा।
3. मंगल (तमोगुणी) बुध (रजोगुणी) है। बुध के नक्षत्र में मंगल होगा तो बुध की महादशा में मंगल का अंतर शुभ होगा। परन्तु मंगल के नक्षत्र में बुध होने पर मंगल महादशा में बुध की अंतरदशा अशुभ होगी।
अर्थात् बुध की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा शुभ, परन्तु मंगल में बुध अशुभ होगा।
4. गुरु की महादशा में शनि की अन्तर्दशा अपेक्षाकृत शुभ परन्तु शनि की महादशा में गुरु की अन्तर्दशा अशुभ होती है।
5. इसी प्रकार गुरु की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा शुभ परन्तु मंगल की महादशा में गुरु की अन्तर्दशा थोड़ी सी शुभ होती है।

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